उत्तराखंड

युवाओं के आगे नतमस्तक धामी सरकार…

  • युवाओं के आगे नतमस्तक धामी सरकार..
  • जनदबाव में सरकार को करनी पड़ी भर्ती परीक्षा रद्द। दस दिन का दिया था अल्टीमेटम।

रिपोर्ट/नीरज पाल

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 21 सितंबर 2025 को प्रदेशभर में आयोजित स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग ने परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है। यह परीक्षा अब अगले तीन माह के भीतर दोबारा आयोजित की जाएगी।

आयोग की ओर से जारी सूचना के अनुसार, इन पदों का विज्ञापन 9 अप्रैल 2025 को जारी हुआ था और परीक्षा 21 सितंबर को हुई थी। परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद दोपहर करीब 1:30 बजे सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्रों के कुछ स्क्रीनशॉट वायरल हो गए थे।

पेपर लीक प्रकरण को लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले प्रदेशभर के युवाओं द्वारा चलाए जा रहे धरना-प्रदर्शन में नौवें दिन तब नाटकीय मोड़ आया, जब अचानक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परेड ग्राउंड पहुंचे। सीएम धामी ने प्रदर्शनकारी युवाओं से मुलाकात की और उनकी प्रमुख मांग पर तत्काल सीबीआई जांच की घोषणा कर दी।

​सीएम द्वारा मांगे माने जाने और कार्रवाई का ठोस आश्वासन दिए जाने के बाद युवाओं ने देर शाम अपना धरना स्थगित कर दिया। हालांकि, युवाओं ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम भी दिया था कि यदि इस अवधि में भर्ती परीक्षा रद्द नहीं की गई, तो वे एक बार फिर उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।

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​युवाओं के इस अल्टीमेटम का आज दसवां दिन था और सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए संबंधित भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी थी, जिसके आधार पर सरकार ने यह कदम उठाया है। इस निर्णय को युवाओं के दबाव और चुनावी वर्ष में सरकार की सक्रियता के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के इस कदम से बेरोजगार युवाओं को एक बड़ी राहत मिली है, लेकिन अब उनकी निगाहें नई परीक्षा की तारीखों पर टिकी हैं।

प्राथमिक जांच के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

एसएसपी देहरादून की प्रारंभिक जांच के आधार पर 22 सितंबर को थाना रायपुर, देहरादून में मुकदमा संख्या 0301/2025 दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने 27 सितंबर को ‘कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट, 1952’ के तहत एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग की अध्यक्षता उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी कर रहे हैं।

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न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के बाद बड़ा फैसला

11 अक्टूबर को आयोग को न्यायिक आयोग की 8 अक्टूबर की अंतरिम जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन और विचार-विमर्श करने के बाद आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि परीक्षाओं की गोपनीयता और पारदर्शिता के साथ-साथ उनका संदेह से परे होना भी आवश्यक है।

आयोग ने कहा कि इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के साथ-साथ आम जनता का भी पूर्ण विश्वास बहाल रखना जरूरी है। चूंकि इस मामले में पुलिस जांच अभी जारी है, इसलिए परीक्षा की विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए 21 सितंबर को संपन्न परीक्षा को निरस्त करना ही उचित निर्णय लिया गया।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि स्नातक स्तरीय परीक्षा की पुनः परीक्षा लगभग तीन माह बाद आयोजित की जाएगी। परीक्षा की नई तिथि और विस्तृत जानकारी जल्द जारी की जाएगी।

बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

स्नातक स्तरीय परीक्षा निरस्त होने के फैसले पर बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि सरकार ने युवाओं और बेरोजगारी आंदोलन को सही ठहराया है। परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद परीक्षा निरस्त करने का निर्णय युवाओं के हित में है। उन्होंने कहा कि भविष्य में परीक्षाओं में पारदर्शिता और सख्ती के लिए फूलप्रूफ सिस्टम बनाना होगा।

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बेरोजगारों ने आयोग से भविष्य की परीक्षाओं में और अधिक सतर्कता बरतने की मांग की है। राम कंडवाल ने कहा कि यह युवा शक्ति की जीत है, लेकिन बेरोजगार संघ आगे भी हर परीक्षा पर पैनी नजर रखेगा। सरकार को पारदर्शी परीक्षाओं के माध्यम से युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ठोस नीति बनानी होगी।

सीएम बोले : छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निरस्त कर दिया है। यह निर्णय जांच आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता बनी रहे।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह परीक्षा पुनः आयोजित होगी और इसका असर अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने नकल प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी है और छात्रों के भविष्य से कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

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