- यमुनोत्री विधायक ने किया मुख्यमंत्री आवास का घेराव, पुलिस के साथ नोंकझोंक
रिपोर्ट/ नीरज पाल
देहरादून, संवाददाता। चारधाम यात्रा और यमुनोत्री धाम की उपेक्षा को लेकर सोमवार को यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने अपने समर्थकों संग मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। इस दौरान पुलिस से उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई। काफ़ी देर तक हंगामा करने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
सोमवार को विधायक डोभाल की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद जुलूस की शक्ल में सीएम आवास की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला पर रोक दिया। विधायक ने कहा कि सरकार न तो सुनवाई कर रही है और न ही शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने दे रही है।
विधायक डोभाल ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि चारधाम यात्रा गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ है, लेकिन योजनाएं सिर्फ कागजों पर सिमटी हैं। रोपवे का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है, चिन्यालीसौड़ में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है और दिवारीखोल का नवोदय विद्यालय भवन अधूरा पड़ा है। सड़क चौड़ीकरण व मरम्मत के काम भी अधूरे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं को हर 10-20 किलोमीटर पर चेकिंग के नाम पर रोका जाता है, जिससे बाहर खराब संदेश जा रहा है। “यह सब सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।
विधायक ने कहा कि 2024 की भारी बरसात से यमुनोत्री और जानकीचट्टी में जबरदस्त नुकसान हुआ, लेकिन सुरक्षात्मक कार्य अब तक शुरू नहीं हुए। इस साल भी स्यानाचट्टी से लेकर खराड़ी तक सड़कें ध्वस्त हैं। जून और जुलाई में भूस्खलन व हादसों में कई लोगों की जान गई, मगर सरकार ने कोई विशेष पैकेज तक घोषित नहीं किया।
डोभाल ने कहा कि पुलिस नशे के कारोबार को संरक्षण दे रही है, जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं। अफसरशाही बेलगाम है और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरकाशी जिला भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। जिला पंचायत में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला सरकार खुद मान चुकी है, लेकिन दोषियों को बचाने के लिए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया गया।
उन्होंने मनरेगा योजना में भी 25–30 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि यात्रा ठप होने से स्थानीय होटल व्यवसायी बर्बाद हो गए हैं, बाग-बगीचे और नकदी फसलें चौपट हो चुकी हैं। मकान और रास्ते खंडहर बन गए हैं, लेकिन सरकार मौन है।



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