नीरज पाल
उत्तराखंड में पहाड़ों की हकीकत बयां करने वाली एक दुख भरी खबर सामने आ रही है, जहां उत्तराखंड के गठन को 21 साल पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन यहां की स्थिति जैसी की तैसी है।
वहीं रुद्रप्रयाग जिले के अगस्तमुनि विकासखंड के खांकरा-खेड़ाखाल-खिर्सू मोटर मार्ग पर हर रोज स्कूल जाने के लिए नौनिहालों का जानलेवा सफर तय करना पड़ता हैं।
वहीं इस युग में छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर सड़क मार्ग पार करके स्कूल जाना होता है। वहीं सड़कों का मार्ग व पुस्ता धंसने से स्कूली छोटे-बच्चों को बरसाती समय में आगमन करना मुश्किल साबित हो रहा है।
बता दें यह मार्ग पिछले तीन-चार सालों से इसी जगह पर जोखिम भरा बना हुआ है। वहीं राष्ट्रीय-राजमार्ग बद्रीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ बंद होने पर यातायात इसी मार्ग से होकर चलता है।
स्थानीय लोगों का कहना है, कि रूद्रप्रयाग लोकनिर्माण विभाग को कई बार मोटरमार्ग की हालत को ठीक करने के लिए शिकायत भी की गई थी, लेकिन विभाग द्वारा लगातार नजरअंदाज करता हुआ दिखाई दे रहा है।
बता दें नौखू-दानकोट गांव के लिए लिंक मोटर मार्ग की कटिंग तो हुई है, लेकिन ग्रामीणो का दुर्भाग्य रहा कि सड़क गांव तक ही नहीं पहुंची और नीचे वाला पूरा मार्ग सड़क के कटिंग से लगातार भूस्खलन के कारण पूर्ण तरह से क्षतिग्रस्त हो गई जिससे आये दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
बताते चलें कि उत्तराखंड की धामी सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य और लोक निर्माण जैसे अहम महकमों का नेतृत्व तेजतर्रार एवं अनुभवी कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज कर रहे है। ऐसे में उनके पास अहम महकमों की दयनीय स्थिति को सुधारने की न सिर्फ कड़ी चुनौती भी है। बल्कि एक नया सुनहरा अवसर भी है।
अब देखना यह होगा कि इस तरह के ज्वलंत प्रकरणों का मंत्री धन सिंह रावत व कैबिनेट सतपाल महाराज कब तक संज्ञान लेते है और इन महकमों को सुधारने केे लिए वे क्या कदम उठाते है, ये देखना होगा।