- बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर सरकार उपभोक्ताओं की जान लेने पर उतारू- मोर्चा
- एएसडी,फिक्स्ड चार्जेस व अन्य चार्जेस के जरिए जनता को बनाया जा रहा कंगाल
- लाइन लॉस की नाकामी जनता पर पड़ रही भारी
- कहीं धर्म/ मजहब के नाम पर दिए गए वोटों की कीमत तो नहीं चुका रही जनता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि लगातार बिजली के दामों में हो रही बेहताशा बढ़ोतरी रोक पाने में नाकाम सरकार बिजली महंगी कर जनता की जान लेने पर उतारू है यानी जनता को को लूटने का काम कर रही है, जिसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
नेगी ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में सरकार द्वारा कुछ माह पूर्व 100 यूनिट तक ₹3.65, 101 से 200 यूनिट तक ₹5.25, 201 यूनिट से 400 तक ₹7.15 एवं 401 यूनिट से ऊपर ₹7.80 निर्धारित किया है तथा इसी प्रकार ए एस डी, टी सी एस, एरियर ,फिक्स्ड चार्जेस नामक जजिया कर भी जनता पर थोपा गया है।
प्रदेश का आमजन आज दाने-दाने को मोहताज है, कारोबार चौपट हो चुके हैं तथा छोटी- मोटी नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले आज अपना दुख किसके सामने रखें ! नेगी ने कहा कि प्रतिवर्ष लगभग 15 फ़ीसदी लाइन लॉस में बिजली जाया हो रही है, जिसकी कीमत लगभग 1000-1500 करोड है , इस लॉस को कम करने में सरकार बिल्कुल नाकाम हो चुकी है।
नेगी ने कहा कि तीन -चार वर्ष से सरकार द्वारा लगातार बिजली के दामो फिर से बढ़ोतरी की गई है, सरकार द्वारा प्रतिमाह यूनिट स्लैब/प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्जेस जैसे लूट के स्तंभ तैयार किए गए हैं। नेगी ने कहा कि सरकार की नाकामी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। सरकार क्यों लाइन लॉस नहीं रोक पा रही है।
राज भवन जैसी संस्था को बुके लेने और देने से फुर्सत नहीं है! नेगी ने कहा कि कुछ माह पूर्व 100 यूनिट तक रुपए 3.40 प्रति यूनिट, 200 यूनिट तक 4.90 एवं 200 से 400 यूनिट तक 6.70 तथा इसके ऊपर 7.35 प्रति यूनिट निर्धारित की गई है तथा इसी प्रकार फिक्स्ड चार्जेस 75 रुपए, 85 ₹एवं 100 रुपए प्रति किलोवाट/प्रतिमाह निर्धारित किए गए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि जनता द्वारा धर्म/ मजहब के नाम पर दिए गए वोटों की कीमत आज जनता चुका रही है ! पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा पत्रकार वार्ता में- विजयराम शर्मा व प्रमोद शर्मा मौजूद थे।

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