गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करें सरकार
गोरक्षकों को ही वोट दे हिन्दू समाज
जिसदिन गोहत्या रुकेगी, उसदिन हमारा सारा कर्ज उतरना शुरु हो जाएगा
गो हत्यारी पार्टियों को वोट देकर गो हत्या का पाप न लें हिन्दू
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’
गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग तेज, शंकराचार्य ने कहा- गोसेवा से मिलेगा भगवान का आशीर्वाद
देहरादून। गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने की मांग को लेकर ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने राजधानी में गौ ध्वज की स्थापना की। यह आयोजन उनकी भारत यात्रा का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 22 सितम्बर को अयोध्या धाम से हुई थी। यात्रा का उद्देश्य भारत में गौहत्या पर पूर्णतः प्रतिबंध लगवाना और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाना है।
शंकराचार्य जी ने अपने संबोधन में हिंदू समाज से अपील की कि वे केवल गौ संरक्षण और गोसेवा के प्रति समर्पित नेताओं को ही अपना समर्थन दें। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार का उदाहरण देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देशी गाय को राज्यमाता का दर्जा देने का प्रस्ताव शंकराचार्य जी के आशीर्वाद से पारित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराओं में गौ सेवा का महत्व अत्यधिक है, और यह यज्ञ की सफलता का मूल आधार भी है।
शंकराचार्य जी ने कहा कि गौसेवा भगवान को पाने का मार्ग है, क्योंकि भगवान स्वयं कहते हैं, “गवां मध्ये वसाम्यहम्” – अर्थात, “मैं सदा गायों के बीच में रहता हूं।” उन्होंने पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि राजा दिलीप ने गौ सेवा के माध्यम से ही अपनी संतान प्राप्ति की थी। गौसेवा भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, और गौमाता सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे, जिन्होंने गौमाता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की और गौ संरक्षण की दिशा में अपने योगदान की शपथ ली।


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