देहरादून/इन्फो उत्तराखंड
देहरादून कांग्रेस के पूर्व सीएम व वरिष्ठ नेता हरीश रावत हमेशा की तरह मीडिया के सामने सुर्खियों में बने रहते है। ऐसे ही उन्होंने एक बड़ा बयान दिया। जिसमें उन्होंने रिस्पना वा बिंदाल के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने को लेकर कहीं यह बात।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि रिस्पना और बिंदाल कि ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव बुरा नहीं है, लेकिन इससे ये नदियां दफन हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों नदियों एक तरह से देहरादून की वायु धमनियां है। वहीं हरीश रावत ने कहा कि नदियों पर एलिवेटेड रोड बनाने की योजना पर उन्होंने सवाल उठाए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पर्यावरण और दूसरे दृष्टि कोणों से भी यह मामला सामने आया कि देहरादून की नैसर्गिकता के साथ अत्याचार होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि हरिद्वार ऋषिकेश से देहरादून-राजपुर जहां तक चाहें मेट्रों रेल लाइन का निर्माण करें। ये हमारी इन सड़को को एलीवेड करके भी बनाई जा सकती है।
लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि एलिवेटेड रोड सारी विकास की संभावनाओं को बंद कर देगी और रिवरफ्रट डेवलपमेंट व मेट्रों विकास की सारी संभावनाओं को खोलेगी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से ये देहरादून प्रमियों की हित में होगा।
फेसबुक के माध्यम से हरीश रावत के विचार
सामान्यतः रिस्पना और बिंदाल के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव बुरा नहीं है । मगर जब हम देहरादून के व्यापक हित में देखते हैं और रिस्पना व बिंदाल जो एक प्रकार से देहरादून की दो वाई धमनियां हैं, जब उनके अस्तित्व को बचाने के सवाल पर देखते हैं तो एलिवेटेड रोड का अर्थ है, बिंदाल और रिस्पना जो पहले ही बुरी तरीके से घिर चुकी हैं, उनको हमेशा के लिए दफना देना। मैं समझता हूं पर्यावरणीय और दूसरे दृष्टिकोणों से भी यह मामला ऐसा होना देहरादून की नैसर्गिकता के साथ
अत्याचार होगा। दो कदम जो एक साथ उठाए जाने चाहिए।
1. एक हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून- राजपुर, कहीं पर भी जहां पर तक मेट्रो रेल ले जाना चाहें और वो हमारी इन रोडों को एलीवेट करके भी जो इस समय की हैं यह मेट्रो को बनाई जा सकती है।
2. दूसरा रास्ता है कि आप रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के काम को आगे बढ़ाएं।
हमने 2015 में शुरू किया था, ब्रह्मपुरी से आउटर रोड तक और काफी जमीन निकल आई थी। वहां इतनी जमीन निकली थी कि उसमें जो मलिन बस्तियां हैं उनमें लोगों को बसाने के लिए भी, पार्क के लिए भी और पार्क के साथ रोड आदि बनाने के लिए भी और कुछ स्थानों पर व्यापारी कॉन्प्लेक्स बनाने के लिए भी जगह निकल आ रही थी। कोई भी व्यक्ति जा करके देख सकता है जो आज तो फिर से आच्छादित हो गई है कि कितनी जमीन निकल आई थी! अब आप मलिन बस्तियों के मालिकाना हक की बात कर रहे हैं तो आप समझते हैं कि उनके लिए कहीं जमीन है आपके पास, तो जमीन उनके लिए भी निकालनी है, जहां वो बसे हुए हैं वहीं से निकालनी है तो एलिवेटेड रोड सारी विकास की संभावनाओं को बंद कर देगी और रिवरफ्रंट डेवलपमेंट व मेट्रो विकास की सारी संभावनाओं को खोलेगी और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से ये देहरादून और देहरादून प्रेमियों की हित में होगा। मेट्रो के लिए हमने तो कॉरपोरेशन भी गठित किया था, एम.डी. भी नियुक्त किए थे। पता नहीं अब क्या स्थिति है, मुझे मालूम नहीं है।
#uttarakhand BJP Uttarakhand Pushkar Singh Dhami #Congress
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