देहरादून/ इंफो उत्तराखंड
देहरादून के विरासत मेले में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना द्वारा प्रोत्साहित पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखना हो, तो चले आइये देहरादून के ओएनजीसी के ग्राउंड में विरासत कुजीन फेस्टिवल में जहां मशहूर शेफ द्वारा विभिन्न पहाड़ी व्यंजनों को बनाया जाएगा। कम कीमत पर लोगों को दिया जायेगा। यहां आपको हर्षिल का सेब भी मिलेगा।
हर्षिल का सेब अमेरिका के वाशिंगटन एप्पल को टक्कर देता है, उधान विभाग उत्तराखंड विरासत में इस सेब को लोगों के लिए प्रस्तुत करेगा।
उत्तराखंड शासन में सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य, कृषि व ग्राम्य विकास सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम अपने अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के किसानों के सशक्तिकरण व उनकी आमदनी दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को जमीन पर उतारने लिए निरतंर प्रयास कर रहे हैं।
डॉक्टर पुरुषोत्तम ने राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के मीटिंग हॉल में फेस्टिवल की समीक्षा बैठक में कहा कि देहरादून के विभिन्न व्यंजनों के शौकीन लोगों को हिमालयी क्षेत्रों के बुग्याल में चरने वाले बकरा, फिश, और चिकन का फेस्टिवल लगाया जा रहा है।
17 से 19 अक्टूबर को मत्स्य विभाग द्वारा ट्राउट फिश फ़ेस्टिवल , 20 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक हिमालय गोट मीट द्वारा बकरा फेस्टिवल , 14 से 16 अक्टूबर तक बागवानी विभाग द्वारा सेब उत्सव, 9 से 23 अक्टूबर को प्रीमियम होटल ब्रांच द्वारा खाद्य स्टॉल लगाया जाएगा।
हर्षिल का सेब अमेरिका के वाशिंगटन एप्पल को टक्कर देता है, उधान विभाग उत्तराखंड विरासत में इस सेब को लोगों के लिए प्रस्तुत करेगा।
सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने बताया कि, 19 अक्टूबर को ट्राउट फिश प्रतियोगिता, जबकि 21 अक्टूबर को बकरा हिमालयन गोट मीट द्वारा कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कुकिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 8920 319938 पर लोग संपर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल भी सहकारिता विभाग की समेकित परियोजना ने यह कुकिंग प्रतियोगिता कराई थी, जिसमें देहरादून की काफी लोगों ने हिस्सा ले कर दिलचस्पी दिखाई थी। 22 अक्टूबर को कुकिंग प्रतियोगिता में विजेता लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा।
राज्य समेकित सहकारी परियोजना किसानों को पहाड़ी बकरों को पालने के लिए मदद करती है। 200 से अधिक किसान बकरों को पाल रहे हैं। वह पहाड़ी बकरियां भोजन में हरी- भरी घास, बुग्याल का आनंद लेती हैं और जब किसान की बकरी अधिक हो जाती है तो परियोजना ही किसान को उचित मूल्य देकर इन्हें खरीदता है और इन्हीं बकरे का मटन पशुपालन विभाग बकरो नाम से मटन देहरादून के विभिन्न स्थानों में सेल कर रहा है।
परियोजना का मकसद है किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो, परियोजना द्वारा सेब को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हर जिले में किसान सेब फेडरेशन के अम्ब्रेला के नीचे सेब के बागान लगा रहा है। उधान विभाग भी इसे प्रोत्साहित करता है।
जो किसान इन बकरों को पाल रहे हैं उनका मटन बेहतरीन क्वालिटी का लोगों को मिले। ओएनजीसी के मैदान में चल रहे फेस्टिवल में इन्हीं पहाड़ी बुग्याल में चरने वाले बकरो का मटन लोगों को उपलब्ध होगा।
इसी तरह से ट्राउट फिश की पिथौरागढ़ और चमोली उत्तरकाशी की ठंडी जलवायु में फार्मिंग होती है उसका उत्तर फिश इस नाम से इस फेस्टिवल में मिलेगा।
सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फेस्टिवल में साफ सफाई का विशेष रूप से ख्याल रखा जाए तथा लोगों को फूड फेस्टिवल में कोई परेशानी ना हो, इसका ख्याल रखा जाए।
चकराता में परियोजना ने इसी साल और पॉल्ट्री फॉर्म खोला है वहां 100 किसान इस फार्मिंग से जुड़े गए हैं। चकराता का बेहतरीन *हिमाला चिकन* इस फेस्टिवल में मिलने जा रहा है। देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश के पंच सितारा होटल ताज ऋषिकेश, जेडब्ल्यू मैरियट मसूरी, हयात देहरादून सहित पंजाबी ग्रील देहरादून इस फेस्टिवल में अपने स्टॉल लगाएंगे। मशहूर शेफ पहाड़ी व्यंजनों को बनाएंगे तथा कम कीमत में इसे लोगों को दिया जाएगा।
दरअसल अब तक हैदराबाद के तालाब की मछलियां पर ही देहरादून निर्भर था, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना व राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की मदद से जगह-जगह ट्राउट की फार्मिंग कराके करीब 500 किसानों को इससे जोड़ा है। ट्राउट मछलियां की डिमांड महानगरों में बहुत है, किसानों को ट्राउट का घर में ही उचित मूल्य मिल रहा है।
समीक्षा बैठक में अपर निबंधक सहकारिता व नोडल अधिकारी (परियोजना) आनंद शुक्ल भेड़ एवं बकरी पालन के परियोजना निदेशक डॉ अविनाश आनंद, परियोजना निदेशक मत्स्य श्रीमती अल्पना हल्दिया, सुशील डिमरी जीएम मत्स्य, अजय शर्मा
डीजीएम भेड़ बकरी, मनोज रावत प्रबन्धक, यूकेसीडीपी सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।
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