- प्रधानाचार्य पदोन्नति परीक्षा पर संग्राम, शिक्षक दो धड़ों में बंटे
देहरादून। राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के खाली पदों और लटकी भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों का आंतरिक गतिरोध अब खुलकर सामने आ गया है। इस मुद्दे पर शिक्षक अब दो धड़ों में बंट गए हैं—एक वर्ग परीक्षा के समर्थन में है, तो दूसरा इसके विरोध में आंदोलनरत है। इस खींचतान ने शिक्षा व्यवस्था में नया संकट खड़ा कर दिया है।
प्रधानाचार्य विभागीय पदोन्नति परीक्षा समर्थन मंच ने मंगलवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा। मंच के महासचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्रा ने दावा किया कि उनके पक्ष को प्रदेश के 30 से अधिक विधायकों, मंत्रियों और सांसदों का लिखित समर्थन मिल चुका है। साथ ही, मुख्यमंत्री को भी सामूहिक पत्र भेजा गया है।
*9 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव*
मंच ने साफ चेताया कि अगर किसी भी वजह से यह पदोन्नति परीक्षा निरस्त होती है, तो 9 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। हालांकि, श्रीनगर में 5 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन को 7 अक्टूबर को माननीय उच्च न्यायालय के फैसले तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अदालत का निर्णय आने के बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।
इससे पहले, परीक्षा के समर्थन में मंच से जुड़े शिक्षक 2 अक्टूबर को रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे और परीक्षा के समर्थन में एक घंटे का प्रतीकात्मक उपवास भी रखेंगे। इस अवसर पर बृजेश पवार, डॉ. आकाश चौहान, अमित सिंह, जयेंद्र सिंह रावत, योगेंद्र सिंह नेगी सहित कई अन्य शिक्षक मौजूद रहे।



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