सच्ची बात कही थी मैंने लोगों ने सूली पर चढ़ाया मुझको, ज़हर का जाम पिलाया…. ये पंक्तियां ढामकेश्वर के प्रधानाचार्य अरविन्द नेगी पर एक दम सटीक बैठती हैं।
दरअसल इन्टर कॉलेज, ढामकेश्वर विकासखंड खिर्सू, पौड़ी गढ़वाल में वर्ष 2017 में 17 जनवरी से पीटीए शिक्षक-शिक्षिकाएँ सीमा प्रवक्ता अँग्रेजी, रेखा रावत सहायक अध्यापक व्यायाम और एक शिक्षक विपिन कुमार सहायक अध्यापक हिन्दी में नियुक्त किये गये।
वर्ष 2018 के मई माह में रेखा रावत और दिसम्बर माह में सीमा व विपिन विद्यालय छोड़ के चले गये। प्रधानाचार्य अरविन्द नेगी ने इन शिक्षकों की नियुक्तियों की जानकारी सूचना के अधिकार में माँगे जाने पर सम्बंधित को उपलब्ध करा दी, साथ ही विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापक विज्ञान, जगमोहन रावत, जो कि अशासकीय विद्यालय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामन्त्री भी हैं, की फर्जी नियुक्ति से सम्बंधित पत्रावली भी सूचना के अधिकार में सम्बंधित को उपलब्ध करा दी।
पीटीए शिक्षकों को मानदेय निर्गत करने की कट ऑफ डेट शासनादेश के अनुसार 21 दिसम्बर 2016 से पूर्व है। प्रधानाचार्य अरविंद नेगी का कहना है कि विद्यालय के तत्कालीन प्रबन्ध संचालक द्वारा विद्यालय में नियुक्त पीटीए शिक्षकों को मानदेय की परिधि में लाने हेतु वर्ष 2016 की एक फर्जी उपस्थिति पंजिका तैयार की गयी और उन्हें भी उस फर्जी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने हेतु दबाव बनाया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तरह-तरह से उत्पीड़न किया गया।
जिसमें पिछले साल प्रधानाचार्य अरविंद नेगी के इकलौते पुत्र की एक सड़क दुर्घटना में मौत होने के दौरान, जब वे पूरी तरह से सदमें में थे, उनसे अमानवीय व्यवहार करते हुये प्रबन्धक द्वारा उनका दस माह का वेतन भी रोक दिया गया। इस बीच शिक्षा विभाग द्वारा इसी वर्ष 21 जुलाई को पूर्व में वर्ष 2018 में विद्यालय छोड़ कर जा चुकी पीटीए शिक्षिकाओं में सीमा और रेखा रावत का मानदेय परिधि में आने का अनुमोदन भी विद्यालय भेजा गया, जो कि पूरी तरह फर्जी है।
विद्यालय के प्रबन्धक द्वारा लगातार किये जा रहे इन ग़ैरकानूनी कृत्यों का विरोध करने पर, अब प्रधानाचार्य अरविंद नेगी पर प्रबन्धक द्वारा बेसिरपैर के आरोप लगाते हुये उन्हें निलम्बित तक कर दिया है! प्रधानाचार्य अरविंद नेगी का आरोप है कि इस साजिश में विद्यालय के सहायक अध्यापक जगमोहन रावत की महत्वपूर्ण भूमिका है, और उनपर कार्यवाही करने वाली विद्यालय की प्रबन्ध समिति का गठन माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ बनी है।
और विगत सात वर्षों से वर्तमान तक इस प्रबन्ध समिति का रेजिस्ट्रेशन भी नहीं है! जो भी हो सत्य को परेशान जरूर किया जा सकता है, मगर उसे पराजित नहीं किया जा सकता। असत्य और अन्याय के खिलाफ इस जंग में प्रधानाचार्य अरविन्द नेगी के साथ मजबूती से खड़ा है।

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