- कार्मिकों के सातवें वेतनमान मामले में लापरवाही बरतने पर सचिव को मुख्यमंत्री ने किया तलब
- उद्यम विभाग एक साल से पत्रावली पर आपत्तियों पर आपत्तियां लगा रहा।
- उद्यम विभाग ने निकम्मेपनकी की सारी हदें की पार।
- खनन कारोबारियों की फाइलें रात- रात में हो जाती है पास, लेकिन आमजन को कोई को पूछने वाला नहीं !
देहरादून- जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उत्तराखंड राज्य भंडारागार निगम के कार्मिकों को सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किए जाने के मामले में उद्यम/औद्योगिक विभाग द्वारा एक वर्ष से लगातार रोड़ा अटकाने के मामले में शिकायत की, जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए सचिव को वार्ता हेतु तलब किया।
नेगी ने कहा कि उद्यम विभाग की लापरवाही/ निकम्मेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक वर्ष से लगातार पत्रावली पर आपत्तियों पर आपत्तियां लगाए जा रही हैं तथा हर बार नए-नए दस्तावेजों की मांग की जा रही थी।
नेगी ने कहा कि ये वहीं औद्योगिक विभाग है, जो खनन कारोबारियों की फाइलें मानकों को ताक पर रखकर रात-रात में पास कर देता है, लेकिन आमजन/ कार्मिकों को न्याय दिलाने के मामले में इनको सांप सूख जाता है। प्रतिनिधिमंडल में- शशांक अग्रवाल मौजूद थे।
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