“कोविड काल में मीनाकृती से शुरू हुआ सफर: 4 हजार से अधिक महिलाओं को ऐपण कला से नई राह दिखाने वाली ‘ऐपण गर्ल’ मीनाक्षी खाती”
देहरादून। उत्तराखंड की ‘ऐपण गर्ल’ के नाम से मशहूर मीनाक्षी खाती ने अपनी मेहनत और समर्पण से न सिर्फ खुद को बल्कि हज़ारों महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। मीनाक्षी ने नर्सिंग महासंघ की मुलाकात में बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में कोविड महामारी के दौरान ‘मीनाकृती’ नामक संस्था की स्थापना की, जिसका उद्देश्य गांवों से पलायन रोकने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐपण कला की ट्रेनिंग देना था। अपने इस प्रयास के जरिए मीनाक्षी अब तक 4,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी हैं।
मीनाक्षी का यह प्रयास न केवल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया बना बल्कि उन्होंने ऐपण कला को भी विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी इस यात्रा के लिए उन्हें ‘वीर बालिका’, ‘मां नंदा शक्ति पुरस्कार’, ‘महिला मातृशक्ति पुरस्कार’, ‘कल्याणी सम्मान’ और ‘2021 का सर्वश्रेष्ठ उद्यमी पुरस्कार’ जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है। हाल ही में राष्ट्रपति भवन में अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त कर मीनाक्षी ने उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है।
ऐपण कला के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए मीनाक्षी ने समाज में एक नई उम्मीद और प्रेरणा का संचार किया है।

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