सरस मेले में स्वयं सहायता समूह की महिला अंजू देवी ने बिखेरा रंग।
देहरादून। रेंजर्स ग्राउंड में चल रहे सरस मेले ने एक बार फिर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मेहनत और लगन को सलाम किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उद्घाटन किए गए इस मेले में 300 से अधिक स्टॉलों ने उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और हस्तशिल्प को प्रदर्शित किया है।
गांव घमंड रानीपोखरी की अंजू, जो 2017 से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं, ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हम इतना कुछ हासिल कर पाएंगी। आज हम यहां खड़े हैं और लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।” अंजू ने बताया कि कैसे स्वयं सहायता समूह ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है और उन्हें अपने गांव और संस्कृति से जोड़े रखा है।
पहाड़ी संस्कृति को बढ़ावा :-
इस मेले में गढ़वाल और कुमाऊं के 13 जिलों के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी स्टॉल लगाए गए हैं। सभी स्टॉलों पर स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्पों की भरमार है। अंजू ने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग अपनी संस्कृति को अपनाएं और स्थानीय उत्पादों का उपयोग करें।”
महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण
सरस मेला महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मेला महिलाओं को अपने उत्पादों को बेचने और आत्मनिर्भर बनने का एक मंच प्रदान करता है। मुख्यमंत्री धामी ने भी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की प्रशंसा की और कहा कि सरकार उनके हर संभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
सरस मेला: एक नई शुरुआत
सरस मेला न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पूरे राज्य के लिए एक नई शुरुआत है। यह मेला स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और पहाड़ी संस्कृति को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सरस मेला ने साबित कर दिया है कि स्वयं सहायता समूह महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली माध्यम हो सकते हैं। यह मेला न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रहा है।


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