भारत का पाकिस्तान पर सबसे बड़ा कूटनीतिक प्रहार: सिंधु जल संधि पर रोक, वीजा रद्द, दूतावास बंद
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक का सबसे सख्त रुख अपनाते हुए पांच बड़े कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। ढाई घंटे तक चली बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
ये लिए गए पांच बड़े फैसले :-
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अब यह तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं करता।
- एकीकृत चेकपोस्ट अटारी से आवाजाही तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। केवल पहले से वैध तरीके से भारत में प्रवेश कर चुके लोगों को 1 मई 2025 तक वापसी की अनुमति होगी।
- SPES और SAARC वीजा पर भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
- भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश अपने-अपने उच्चायोगों को बंद करेंगे। पाकिस्तानी राजनयिकों को सात दिन में भारत छोड़ना होगा, वहीं भारतीय सैन्य सलाहकारों को भी इस्लामाबाद से वापस बुला लिया जाएगा।
- अगले आदेश तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय वीजा नहीं दिया जाएगा।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, “भारत ने पाकिस्तान से स्पष्ट और निर्णायक रूप से आतंकवाद का समर्थन बंद करने की मांग की है। पहलगाम हमले के अपराधियों को हर हाल में न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।”
गौरतलब है कि सोमवार को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई, जिनमें यूपी, गुजरात, एमपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा सहित नेपाल और यूएई के नागरिक शामिल हैं। हमले में 20 से अधिक लोग घायल हैं। जांच एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को मास्टरमाइंड बताया है, जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है।
इस घटना के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, ताकि इस पर सभी राजनीतिक दलों की राय ली जा सके। CCS ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ऐसे सभी आतंकी साजिशकर्ताओं को ढूंढने और सज़ा दिलाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास जारी रखेगा।


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