उत्तराखंड परिवहन निगम संकट में: बसों की कमी और कर्मचारियों की समस्याओं से बिगड़े हालात
22 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 48 घंटे का कार्यबहिष्कार, 05 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) गंभीर संकट से जूझ रहा है। निगम में कर्मचारियों की कमी, बसों की खराब स्थिति और सरकार की उदासीनता से स्थिति और गंभीर हो गई है। इस विषय पर सोमवार को देहरादून में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें निगम की वर्तमान चुनौतियों और आगामी आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
निगम के आंकड़े बताते हैं कि 2024 तक निगम में 7100 की बजाय केवल 5000 कर्मचारी बचे हैं, जिनमें से 3000 संविदा पर कार्यरत हैं। वहीं, निगम की 950 बसों में से केवल 300 ही संचालन योग्य रह गई हैं। शेष 500 बसों की जल्द नीलामी की योजना है, जिससे निगम के बेड़े में भारी कमी हो जाएगी। निजी ऑपरेटरों को 14 मार्ग देने से निगम की आय में गिरावट आई है, और जनकल्याण योजनाओं के अभाव में यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड परिवहन निगम संयुक्त मोर्चा ने कर्मचारियों की समस्याओं और अन्य मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए 22 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 48 घंटे का कार्यबहिष्कार करने और 05 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
इस अवसर पर परिवहन निगम के प्रमुख कर्मचारियों, अशोक चौधरी (महामंत्री), रविनंदन, रामकिशन राम, केपी सिंह और बलेश कुमार आदि उपस्थित रहे।


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